फाइन आर्ट्स
फाइन आर्ट्स में बनाएं करियर, बहुत हैं अवसर
करियर को लेकर समय के साथ-साथ युवाओं और उनके अभिभावकों की सोच बदल रही है। नई पीढ़ी करियर के किसी भी क्षेत्र में खुद कुछ खास कर गुजरने में यकीन रखती है। यहां तक कि उनके अभिभावक भी उनके सपने को संवारने में उनका साथ दे रहे हैं। फैशन के इस जमाने में फाइन आर्ट्स की अहमियत काफी बढ़ी है। वैसे, ज्यादातर युवा इसे करियर से ज्यादा हॉबी के रूप में लेते हैं, लेकिन करियर के लिहाज से अन्य पारंपरिक क्षेत्रों की तुलना में फाइन आर्ट्स में करियर बनाना बेहतर है।
मौके बहुत
पिछले कुछ सालों में आर्ट्स की दुनिया में अवसरों की संख्या तेजी से बढ़ी है। टेलिविजन चैनल्स, ऐनिमेशन स्टूडियो और फिल्मों में स्पेशल इफेक्ट्स के इस्तेमाल के लिए आर्टिस्टों की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है। वैसे तो आर्टिस्ट, फटॉग्राफरों और कैमरामैन की अचानक बाढ़-सी आ गई है, लेकिन कला को करियर बनाने वालों की तादाद मांग मुताबिक नहीं बढ़ी है। जिन स्टूडेंट्स का झुकाव आर्ट के प्रति है, उन्हें बड़ा लक्ष्य पाने के लिए संघर्ष करना होगा। उन्हें ऐनिमेशन स्टूडियो और टेलिविजन चैनलों में नौकरी आसानी से मिल सकती है। ज्यादातर युवा कोर्स के बाद आर्ट सेक्टर के विकल्पों जैसे ऐनिमेशन और फिल्म मेकिंग का चयन कर रहे हैं।
सोच में बदलाव
बीते दिनों फाइन आर्ट्स की दुनिया में तेजी से बदलाव हुआ है। कुछ साल पहले लोग घरों और ऑफिसों को सजाने के लिए पेंटिंग खरीदते थे, लेकिन अब उनकी सोच में बदलाव आया है। वे अब इसमें निवेश के मद्देनजर खरीदारी करते हैं। इतना तो जरूर है कि शेयर बाजार की तरह कलाकृति में एकदम से उतार-चढ़ाव की स्थिति नहीं बनी है।और न ही समय के साथ-साथ कलाकृतियों के मूल्यों में कमी आई है। फाइन आर्ट्स अब निस्संदेह निवेश क्षेत्र के रूप में उभर रहा है इसलिए इस सेक्टर में करियर बनाना पहले से कहीं ज्यादा फायदेमंद है।
ऐसे पाएं सफलता
फ्रेशर्स को फाइन आर्ट्स के क्षेत्र में खुद को स्थापित करने के लिए खुद को कुछ खास गैलरी से जोड़ने की कोशिश करनी चाहिए। गैलरी मालिकों से सेटिंग कर अपनी कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगवा सकते हैं और उसकी नीलामी करा सकते हैं। विभिन्न मशहूर कलाकारों के साथ वे कॉन्ट्रैक्ट पर भी काम कर सकते हैं। इससे सीनियर कलाकारों की आर्ट स्टाइल के बारे में भी जानने मौका मिलता है। कोर्स पूरा होने के बाद आमतौर पर ये विद्यार्थी खुद भी समूह बनाकर कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगा सकते हैं। आर्ट गैलरी मालिक अपने साथ अकसर स्टाइल और अभिरुचि के मुताबिक होनहार स्टूडेंट्स को जोड़ते हैं। गैलरी मालिक अकसर न्यूकमर फाइन आर्ट्स ग्रैजुएट्स की कलाकृतियों की प्रदर्शनियां प्रायोजित कराते हैं। जब जूनियर आर्टिस्ट प्रदर्शनी लगाते हैं, तो उनकी कला की आलोचना भी होती है, जिससे उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिलती है। कई बार नामी कलाकारों द्वारा कैंप भी आयोजित किए जाते हैं जो फ्रेशर्स के लिए वरदान जैसे होते हैं। वहां कई नवोदित कलाकारों का सिलेक्शन भी हो जाता है।
तकनीक का उठाएं फायदा
नए आर्टिस्टों की पहचान बनाने में टेक्नॉलजी काफी मददगार साबित हो रही है। पहले कलाकारों को अपनी पोर्टफोलियो के साथ एक गैलरी से दूसरी गैलरी तक दौड़ना पड़ता है, लेकिन इन दिनों ऐसा करना आसान हो गया है। अब क्लिक करते ही ई-मेल के जरिए अपनी कलाकृतियों को जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा सकता है। पेंटिंग बेचने में इंटरनेट विशेष रूप से मदद पहुंचा रहा है। आजकल इंडियन आर्ट का कारोबार काफी बड़ा हो गया है।
भारतीय आर्ट को चाहने वाले विदेशी लोग यहां की मूल कलाकृतियों को खरीदना पसंद करते हैं। ग्लोबल मार्केट में भारतीय, पाकिस्तानी और चाइनीज आर्ट्स की बहुत ज्यादा मांग है। बड़ी-बड़ी गैलरियों के मालिक खुद अपनी कमर्शल वेबसाइट्स बना रहे हैं।
यहां तक कि फ्रेशर्स खुद भी अपनी कलाकृतियों की बिक्री के लिए अपने पोर्टल्स बना लेते हैं। ऐसा करते ही उनका आर्ट्स की दुनिया से सीधा जुड़ाव हो जाता है। हालांकि ऑनलाइन सेलिंग सबके लिए उतनी आसान भी नहीं है। अपनी प्रमाणिकता साबित करना भी एक चुनौती है। प्रमाणिकता सुनिश्चित करने के लिए खरीदार वेबसाइट्स की तुलना में गैलरियों से ही खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं।
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