सबसे बड़ा आत्मघाती हमला: पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले को उड़ाया, 42 जवान शहीद, 40 घायल

जम्मू-कश्मीर में हुए अब तक के सबसे बड़े आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गए और 40 से ज्यादा घायल हुए हैं। जम्मू- श्रीनगर नेशनल हाईवे पर अपराह्न सवा तीन बजे हमलावर ने विस्फोटक भरी कार से सीआरपीएफ काफिले की बस को टक्कर मार दी।
इनसेट में फिदायीन हमला करने वाला आतंकी - फोटो : अमर उजाला
धमाका इतना भयंकर था कि बस के परखच्चे उड़ गए। इसके बाद घात लगाए आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग भी की। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्कानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह पटना में होने वाली रैली रद्द कर शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर पहुंचेगे। इस बीच, भूटान दौरे पर गए गृह सचिव को तत्काल वापस बुला लिया गया है।
सीआरपीएफ महानिदेशक आरआर भटनागर ने बताया, 78 वाहनों का काफिला 2500 जवानों को लेकर जम्मू से श्रीनगर आ रहा था। इनमें ज्यादातर ऐसे जवान थे जो छुट्टी से लौट रहे थे। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पुलवामा के लेथपोरा में काफिले पर हमला किया गया। भारी बर्फबारी के चलते बंद इस हाईवे को बुधवार को ही खोल गया था।
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सीआरपीएफ के आईजी जुल्फिकार हसन ने बताया, हमलावर ने जिस बस में टक्कर मारी वह 54वीं बटालियन की थी जिसमें 44 जवान सवार थे। काफिला बृहस्पतिवार भोर में साढ़े तीन बजे जम्मू से निकला तो उम्मीद थी कि सूर्यास्त से पहले श्रीनगर पहुंच जाएगा।

घटना के तुरंत बाद सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल को सील कर दिया गया। पूरी घाटी में अलर्ट कर दिया गया है। हाईवे पर दोनों ओर से यातायात रोक दिया गया। सैन्य प्रतिष्ठानों तथा संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

आज एनआईए टीम पहुंचेगी जांच करने


गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, सीआरपीएफ के डीजी भटनागर से बातकर हालात की जानकारी ली है। राजनाथ शुक्रवार को कश्मीर जाएंगे। वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने पूरे घटनाक्रम की प्रधानमंत्री को जानकारी दी है। हमले की जांच के लिए एनआईए की 12 सदस्यीय टीम बनाई गई है, जो शुक्रवार को पुलवामा पहुंचेगी।

मानवबम बना डार 2018 में जैश से जुड़ा


जैश प्रवक्ता ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए वीडियो जारी कर दावा किया है कि इसे आदिल अहमद डार उर्फ वकास कमांडो ने अंजाम दिया। वह पुलवामा के गुंडी बाग से आतंकी नेटवर्क चलाता था। पुलवामा के काकापोर का रहने वाला डार 2018 में जैश में शामिल हुआ था। डार जैश के अफजल गुरु स्क्वाड से जुड़ा था। इस गुट ने लालचौक पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी और उड़ी हमले में शामिल था।


गाजी ने दी थी डार को ट्रेनिंग


डार को को पाक अधिकृत कश्मीर के आंतकी कैंप में अब्दुल रशीद गाजी ने आईईडी धमाके की ट्रेनिंग दी थी। खुफिया एजेंसियों ने दिसंबर में ही अलर्ट जारी किया था कि गाजी कश्मीर में घुस चुका है। गाजी अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों के साथ भी काम कर चुका है।

सात दिन पहले जारी हुआ था अलर्ट


सुरक्षा एजेंसियों के पास इनपुट था कि घाटी में अफजल गुरु और मकबूल भट की बरसी पर जैश का अफजल गुरु स्क्वॉयड बड़ा हमला कर सकता है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने आठ फरवरी को ही इसे लेकर अलर्ट जारी किया था। इसमें साफ तौर पर कहा गया था कि आतंकी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबालों की तैनाती की जगहों और उनके आने-जाने के रास्ते को निशाना बना सकते हैं। इसलिए पूरी सावधानी बरती जाए।

दूसरी बार कार बम, स्थानीय मानवबम


यह दूसरी बार है जब जैश ने घाटी में हमले के लिए कार बम का इस्तेमाल किया है। 2001 में श्रीनगर विधानसभा परिसर में विस्फोटक भरी टाटा सूमो से हमला किया गया था। हमले में 38 लोगों की मौत हुई थी और तीनों आत्मघाती हमलावार मारे गए थे। वहीं, दूसरी बार आत्मघाती हमले में स्थानीय मानवबम का इस्तेमाल किया गया है। जनवरी 2018 में पुलवामा के लेथपोरा सीआरपीएफ कैंप पर दो स्थानीय आत्मघातियों ने हमला किया था। यह पहला मामला था जिसमें स्थानीय फिदायीन सुरक्षा बलों के परिसर में घुसने में सफल हुए थे। इस हमले में चार जवान शहीद हुए थे।

पूरी घाटी में अलर्ट


फिदायीन हमला होने के साथ ही पूरी घाटी में अलर्ट कर दिया गया। हाईवे पर दोनों ओर से यातायात रोक दिया गया था। सैन्य प्रतिष्ठानों तथा संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हाईवे सहित जगह-जगह नाके लगाकर वाहनों की चेकिंग की जा रही है।

व्यर्थ नहीं जाएगा बलिदान


इस कायराना हमले की मैं कठोर निंदा करता हूं। पूरा देश शहीदों के परिवार के साथ खड़ा है। जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री


जिस बस में हुआ था धमाका उसमे यह जवान थे सवार

आतंकियों ने जिस बस को निशाना बनाया उसमे 42 जवान सवार थे। जिनमे जयमाल सिंह, नसीर अहमद, सुखविंदर सिंह, रोहिताश लांबा, तिलक राज, भागीरथ सिंह, वीरेंद्र सिंह, अवधेश कुमार यादव, नीतीश सिंह राठौर, रतन कुमार ठाकुर, सुरेंद्र यादव, संजय कुमार सिंह, राम वकील, धर्म चंद्रा, बेलकर ठाका,  श्याम बाबू, अजीत कुमार आजाद, प्रदीप सिंह, संजय राजपूत, कौशल कुमार रावत, जीत राम, अमित कुमार, विजय कुमार मौर्य, कुलविंदर सिंह, विजय सोरेंग, वसंत कुमार, गुरु एच, शुभम, अमर कुमार, अजय कुमार, मनिंदर सिंह, रमेश यादव, बरसाना कुमार साहू, हेमराज मीणा, बाबला संतरा, अश्वनी कुमार कोची, प्रदीप कुमार, सुधीर कुमार बंसल, रविंद्र सिंह, एम बसु माथरा, महेश कुमार, एनएल गुर्जर शामिल थे।

संसद भवन पर हमला (दिसंबर, 2001), जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला (अक्टूबर 2001), इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण (दिसंबर 1999), अयोध्या और वाराणसी धमाके।

नवंबर, 2007 में उत्तर प्रदेश पुलिस के एसटीएफ द्वारा लखनऊ में गिरफ्तार किए गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि वह राहुल गांधी के अपहरण के लिए देश में आए थे।

2015 में जैश से संबंधित घटनाएं

  • 15 जनवरी - दक्षिणी कश्मीर के केलर इलाके के गाडरू जंगल क्षेत्र में पांच जैश के आतंकियों को सेना द्वारा एक मुठभेड़ में ढेर किया गया। मारे गए आतंकियों में से एक जैश कमांडर मोहम्मद तोइब था जो पाकिस्तान मुल्तान का रहने वाला था जबकि बाकी के चार स्थानीय आतंकी थे।
  •  20 मार्च - जम्मू संभाग के कठुआ जिले के राजबाग पुलिस थाने पर सेना की वर्दी में फिदायीन हमला हुआ, जिसमें तीन जवान शहीद हुए। इसके अलावा एक स्थानीय नागरिक की भी इसमें मौत हुई। जवाबी कार्रवाई में दो आतंकियों को भी ढेर किया गया, जबकि 10 लोग इस हमले में घायल हुए थे।
  • 21 मार्च - दो आतंकियों ने जम्मू संभाग के सांबा जिले में सेना के एक कैंप पर हमला किया। सुरक्षा बलों ने दोनों को ढेर कर दिया।
  • 27 जुलाई - दस लोगों सहित एक एसपी उस समय शहीद हो गए जब हथियारों से लैस तीन आतंकियों ने गुरदासपुर के दीना नगर थाने पर धावा बोला। मरने वालों में तीन आतंकी, तीन स्थानीय नागरिक और चार पुलिस कर्मी थे।
  • 04 अक्टूबर - दक्षिणी कश्मीर के हारी परिगाम ट्त्राल में जैश के दो विदेशी आतंकियों को सेना ने मुठभेड़ के दौरान ढेर किया। इनकी पहचान आदिल पठान और बर्मी के तौर पर हुई थी।
  • 25, नवंबर - उत्तरी कश्मीर के टंगधार में सेना के कैंप पर हुए आत्मघाती हमले में एक स्थानीय नागरिक की मौत हुई, जबकि तीन आतंकियों को सेना द्वारा ढेर किया गया।

जवानों के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा: पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह

इस घटना के बाद नेताओं के बयान आने शुरू हो गए हैं। इसी सिलसिले में पूर्व सेना प्रमुख और गाजियाबाद से भाजपा सांसद जनरल वीके सिंह ने भी ट्वीट कर इस हमले को कायरतापूर्ण बताया है। उन्होंने ट्वीट किया, एक सैनिक और भारत का एक नागरिक होने के नाते इस तरह की कायरतापूर्ण हरकतों से मेरा खून खौलता है। सीआरपीएफ के 18 बहादुर जवानों ने पुलवामा में अपनी जान गंवा दी। मैं उनके निःस्वार्थ बलिदान को नमन करता हूं और ये वादा करता हूं कि जवानों के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा।
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पुलवामा हमला : सांत्वना, संवेदना और श्रद्धांजलि, ‘हम कब तक सहते रहेंगे आतंकी हमले’

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हमले की कड़ी निंदा की गई है। कई जवान शहीद हो गए हैं। राजनीतिक दलों ने कहा कि आखिर हम कब तक इस तरह के आतंकी हमलों को सहन करते रहेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए बृहस्पतिवार को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के जवानों की शहादत पर दुख जताया है। गांधी ने ट्वीट कर कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए कायराना हमले से बहुत दुखी हूं। हमारे शहीद जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं घायल हुए जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा-

हम पुलवामा में कायराना आतंकी हमले की निंदा करते हैं। सर्वोच्च बलिदान देने वाले अपने 18 बहादुर जवानों को हमारी श्रद्धांजलि। हम उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया, 'उरी, पठानकोट, पुलवामा। मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया जाना लगातार जारी है।
  • यह हमला आतंकियों की हताशा है। नरेंद्र मोदी पीएम हैं, इसलिए जवानों का बलिदान खाली नहीं जाएगा। -डॉ. महेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री
  • हमले की कड़ी निंदा करता हूं। आतंकी वारदात से यह स्पष्ट हो गया है कि जम्मू कश्मीर के हालात ठीक नहीं हैं। -सुरेंद्र सिंह नागर, सांसद राज्य सभा, सपा
  • सरकार को ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए। शहीद जवानों का बदला शीघ्र ही केंद्रीय नेतृत्व को लेना चाहिए। -रविकांत मिश्रा, पूर्व प्रत्याशी बसपा नोएडा
  • आतंकियों की कायरता है। विदेशी आतंकियों के खिलाफ जब तक कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, हालात नहीं सुधरेंगे। तरुण भारद्वाज, विचार संयोजक कांग्रेस

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा-

मैं इस हमले की कड़ी से कड़ी निंदा करता हूं और घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं। शोकाकुल परिवार के प्रति सहानभूति प्रकट करता हूं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि जैश ने इस फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली है। यह 2004-2005 के आतंक के दिनों की याद दिलाते हैं। 

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी घटना की निंदा करते हुए ट्वीट कर कहा-
ऐसे वीभत्स हमले की निंदा करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं। आखिर कितनी जानें लेकर यह पागलपन खत्म होगा? 


सबसे बड़ा आत्मघाती हमला: पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले को उड़ाया, 42 जवान शहीद, 40 घायल सबसे बड़ा आत्मघाती हमला: पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले को उड़ाया, 42 जवान शहीद, 40 घायल Reviewed by Akash Sharma on February 14, 2019 Rating: 5

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