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Web Designing Web Designing की पूरी जानकारी

August 21, 2018

Web Designing
Web Designing की पूरी जानकारी

आपने वेबसाइट के अलग-अलग डिजाइन को देखा होगा। जब भी आप किसी वेबसाइट पर जाते हैं तो आप उसके वेबसाइट के डिजाइन को देखते हैं उसके कंटेंट को पढ़ते हैं उसके सजावट को देखते हैं तो यह सब डिपेंड करता है कि उसकी डिजाइनिंग कैसे हुई है। आज हम इसी बारे में बात करेंगे की वेबसाइट डिजाइनिंग क्या होता है और इसको कैसे किया जाता है इस के लिए क्या क्वालिफिकेशन होनी चाहिए और इसके लिए कौन सा कोर्स करना चाहिए। अगर आपको कंप्यूटर का ज्ञान है तो आपको वेब डिजाइन का थोड़ा बहुत जरुर पता होगा कहां से शुरू होती है उसको कैसे किया जाता है।

अगर आप ऑनलाइन पैसा कमाना चाहते हैं। तो आप को वेब डिजाइन की नॉलेज होना बहुत ही जरुरी है क्योंकि इसके बिना आप इंटरनेट पैसा नहीं कमा सकते हैं।  जब लोग किसी वेबसाइट का डिजाइन अच्छा देखते हैं उस पर बार बार विजिट करते हैं। जिससे पैसा कमाने के चांस बढ जाते है।

वेब डिजाइनिंग क्या है

इंटरनेट पर वेबसाइट बनाना एक घर बनाने जैसा है जैसे हम घर बनाने के लिए पहले जमीन खरीदते हैं उसी तरह वेबसाइट बनाने के लिए पहले हम Hosting खरीदते हैं जिसके ऊपर हमारी वेबसाइट बनती है उसके बाद में हम वेबसाइट का डिजाइन तैयार करते हैं जैसे कि किसी घर का नक्शा तैयार करते हैं और उस नक़्शे को देखते हुए हम पूरा घर बनाते हैं वैसे ही वेबसाइट का डिजाइन को देखते हुए एक पूरी वेबसाइट तैयार होती है और इसे ही वेब डिजाइनिंग कहते हैं.

वेब डिजाइनिंग के दो भाग होते हैं जैसा की मैंने बताया पहले डिजाइन तैयार होता है जिसे हम फ्रंट एंड डिजाइन करते हैं और फिर उस  डिजाइन को देख कर कोडिंग की मदद से पूरी वेबसाइट बनाए जाएगी इस कोडिंग को बेक एंड डिजाइनिंग कहते है  तो यह दोनों अलग अलग तरह से होते हैं इन दोनों का अपना अलग-अलग काम है जो कि नीचे दिया गया है

फ्रंट एंड वेब डिजाइनिंग

जैसा कि नाम से ही पता लग रहा है की फर्स्ट एंड वेब डिजाइनिंग सामने की डिजाइनिंग करने से होता है। जैसा कि हम घर के बाहर कलर करके इसे सुंदर बनाते हैं उसी तरह फ्रंट एंड डिजाइनिंग का काम होता है। इस में यह ध्यान रखा जाता है कि कौन सी चीजें कहां पर रखी जाए जिससे कि आने वाले यूजर को कंटेंट ढूंढने में ज्यादा परेशानी ना हो। आपने कोई फूल का पौधा देखा होगा जिसमें फूल सुंदरता को दर्शाता है। इसी फूल को  हम फ्रंट एंड वेब डिजाइनिंग मान सकते हैं और जो नीचे का जो तना है उसको हम बॅक एंड वेब डिजाइनिंग मान सकते हैं।

Back End Web डिजाइनिंग

आप Back End वेब डिजाइनिंग को किसी भी वेबसाइट की नींव की तरह मान सकते हैं। यह डिजाइनिंग यूजर को दिखाई नहीं देती है लेकिन वेबसाइट बनाने में इसका सबसे बड़ा हाथ होता है। बैक एंड वेब डिजाइनिंग से वेबसाइट का मालिक कई तरह की चीजो पर रोक लगा सकता है ताकि आप वो चीज ना खोल पाये।

वेब डिजाइनिंग सीखने के लिए क्या करें

सही मायने में वेब डिजाइनर बनने के लिए आपको फ्रेंड एंड और बॅक एंड दोनों तरह की डिजाइनिंग आना बहुत ही जरूरी है। इसके लिए हम आपको बता रहे हैं कि आपको कौन कौन से प्रोग्राम सीखने की जरूरत है जिससे कि आप एक अच्छे वेब डिज़ाइनर बन सकते हैं।

Front End Web डिजाइनिंग के लिए कौन सा कोर्स करें

फ्रंट एंड वेब डिजाइनिंग के लिए आपको फोटोशॉप का बेसिक कोर्स करना होगा। जिससे आप किसी भी वेबसाइट का प्रिंट बना सकते हैं। इसके बाद आपको html यानी कि हायपर टेक्स्ट markup लैंग्वेज सीखने की जरूरत है। जिससे आप किसी भी वेबसाइट का ढांचा बना सकते हैं। यह एक कंप्यूटर लैंग्वेज है जोकि कोड के दवारा वेबसाइट का डिजाइन करती है। html सीखने के बाद आप css सीखने की कोशिश करें। HTML हमारी वेबसाइट को ढांचा बनाने का काम करती है और CSS हमारे उसी ढांचे को डिजाइन में तब्दील करने का काम करती है। इसके बाद आप जावास्क्रिप्ट की प्रोग्रामिंग सीखना शुरु कर दें। जावास्क्रिप्ट में ऐसा डिजाइन होता है जिससे कि किसी भी एक्शन को कैप्चर किया जा सके। जैसे कि आप किसी वेबसाइट पर जाकर किसी आइकॉन पर क्लिक करते हैं और वहां पर आपको नए कंटेंट दिखाए जाते हैं यह काम जावास्क्रिप्ट होता है।

Back End वेब डिजाइनिंग के लिए कौन सा कोर्स करें

जैसा की हमने आपको पहले बताया है कि बैक एंड वेब डिजाइनिंग का क्या काम होता है। उसी के आधार पर हम आपको नीचे कुछ ऐसे प्रोग्राम के बारे में बता रहे हैं जिनसे आप बैक एंड वेब डिजाइनिंग कर सकते हैं।

इसके लिए सबसे आसान लैंग्वेज PHP लैंग्वेज है वैसे आप यह वेब डिजाइनिंग और दूसरी लैंग्वेज में भी कर सकते हैं लेकिन PHP सबसे आसान लैंग्वेज है। और facebook को भी php लैंग्वेज में ही बनाया गया है। अगर आप इस से भी हाई लैंग्वेज का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आप डाटाबेस लैंग्वेज भी सीख सकते हैं। इस प्रकार की लैंग्वेज में अब किसी का भी डाटा स्टोर कर सकते हैं वैसे आप डाटा PHP  में भी सेव कर सकते हैं। तो यह दो लैंग्वेज है जिसके आप बैक एंड वेब डिजाइनिंग कर सकते हैं।

अगर आप फ्रंट एंड और बैक एंड डिजाइनिंग सीख लेते हैं तो आप एक अच्छे लेवल के वेब डिज़ाइनर बन जाएंगे। और आप अच्छे पैसे घर बैठे कमा सकते हैं या किसी कंपनी में भी जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं। आने वाले समय में वेब डिजाइनर की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने वाली है क्योंकि धीरे धीरे सारा काम इंटरनेट तक सीमित होता जा रहा है। इसके लिए आपको थोड़ी मेहनत करने की जरुरत है। अगर आप सही ढंग से मेहनत करते हैं तो आप इस में अच्छे पैसे कमा सकते है।

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सॉफ्टवेयर टेस्टिंग

August 21, 2018

सॉफ्टवेयर टेस्टिंग
किसी भी प्रोडक्ट को मार्केट में लॉन्च करने से पहले उसको ठीक ढंग से टेस्ट करना पड़ता है, ताकि बाद में कोई परेशानी न हो। जब बात सॉफ्टवेयर की हो तो टेस्टिंग का महत्व और बढ़ जाता है। इसकी वजह यह है कि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल तमाम उन जगहों पर किया जाता है, जहां इसमें कोई छोटी-सी भी गड़बड़ी बड़ा नुकसान कर सकती है।

सॉफ्टवेयर टेस्टिंग के द्वारा किसी सॉफ्टवेयर को एरर-फ्री बनाया जाता है। साथ ही इस बात की जांच भी की जाती है कि विकसित किया गया सॉफ्टवेयर जरूरत के अनुसार खरा है या नहीं। यह एक सतत् प्रक्रिया है, जो सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के विभिन्न स्तरों पर की जाती है। सबसे पहले सॉफ्टवेयर के छोटे-छोटे मॉडूल यानी यूनिट को अलग-अलग टेस्ट किया जाता है और फिर सबको जोड़कर इंटिग्रेटेड टेस्टिंग होती है। यह दो प्रकार से होती है- व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग (White Box Testing): इसे ग्लास बॉक्स टेस्टिंग भी कहते हैं। इसके द्वारा सॉफ्टवेयर के इंटरनल स्ट्रक्चर को टेस्ट किया जाता है, ताकि किसी प्रकार के एरर को दूर किया जा सके। सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कोड, लूप आदि को यहां टेस्ट किया जाता है। ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग : इस विधि द्वारा सॉफ्टवेयर के फंक्शनल रिक्वॉयरमेंट पर फोकस किया जाता है। इसके तहत दिए गए इनपुट के आधार पर सॉफ्टवेयर का टेस्ट यह पता लगाने के लिए होता है कि सही आउटपुट जनरेट हो रहा है या नहीं।

अक्सर हमें यह सुनने को मिलता है कि किसी सॉफ्टवेयर कंपनी ने अपने सॉफ्टवेयर का बीटा वर्जन रिलीज किया है। क्या आप जानते हैं कि बीटा वर्जन क्या है? दरअसल, यह भी एक टेस्टिंग प्रोसेस है, जहां सॉफ्टवेयर को यूजर्स के लिए लॉन्च कर दिया जाता है और इस तरह वास्तविक माहौल में सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग होती है। फिर यूजर्स द्वारा बताई गई समस्याओं के आधार पर सॉफ्टवेयर की खामियों को दूर किया जाता है। यही बीटा टेस्टिंग है। इसी तरह अल्फा टेस्टिंग भी की जाती है, जिसके तहत डेवलपर की साइट पर ही उस सॉफ्टवेयर को कस्टमर द्वार टेस्ट किया जाता है।

सॉफ्टवेयर टेस्टिंग सॉफ्टवेयर टेस्टिंग Reviewed by Akash Sharma on August 21, 2018 Rating: 5

MCA MCA Course details-

August 21, 2018

MCA
MCA Course details-

MCA Course इसका पूरा नाम master of computer application है जो की computer science में professional master degree है।

MCA 3 वर्षीय Professional master degree है जो कि 6 semester का होता है।

यह course उन students के लिये है जो computer में interested है और computer  के  field में सुनहरा career चाहतें है।

यदि आप भी computer के field में एक अच्छा career चाहते है तो इस post  को ध्यान से पढ़िये।

MCA Course को india में बहुत से college/universities Offer करती है। इस course को design करने का main reason Software industry में professionals की जरुरत।

MCA करने के बाद बहुत सी multi-national companies high-pay job offer करती है, जिससे आपकी personality के साथ-साथ society में एक अच्छी Image उभरती है।

MCA Course eligibility-

यह Course वह सभी students कर सकते हैं जिनके 10+2 में या फिर graduation में mathematics subject रहा हो और कम से कम 50 % अंकों के साथ graduation(BCA,B.Sc,B.com,B.tech etc.) complete  करी हो।

Addmission-

MCA मैं addmission के लिए student के10+2 या फिर graduation में mathematics विषय के साथ 50% अंकों से  पास होना जरूरी होता है।

MCA में addmission के लिए india में एक National level पर Entrance test AIMCET(all india mca common entrance test) के द्वारा आप top universities में addmission  पा सकते हैं।

यह टेस्ट आप अपने graduation के final year में दे सकते हैं और कुछ university अपना खुद का entrance test state level पर ऑफर करते हैं।

MCA Course syllabus & fees structure-

MCA की fees सभी college/universities की अलग-अलग हो सकती है इसलिए आप किसी भी institutions की official site पर जाकर syllabus & fees structure check  कर सकते है।

Specialisation after MCA-

MCA हमें computer की कई fundamentals की Specialisation provide करता है।

जिनकी list मैंने नीचे लिखी है।

Software development

System management

Networking

Management information system

Web designing

Troubleshooting

System engineering etc.

Career opportunity after MCA-

MCA complete होने के बाद आप specialist software engineer बन जाएंगे और भी options है जो मैंने नीचे दे दी है।

System analyst

Technical engineer

Hardware engineer

Software and web programmer

Software consultant

Web designer and developer etc.

MCA MCA Course details- MCA
MCA Course details- Reviewed by Akash Sharma on August 21, 2018 Rating: 5

पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (PGDCA)

August 21, 2018

पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (PGDCA)
क्या आपका ग्रेजुएशन पूरा हो गया हैं ? और आप कंप्यूटर फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं तो आप बिलकुल सही पोस्ट पढ़ रहे हैं | आज हम हमारी इस पोस्ट “पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (PGDCA) क्या होता हैं” में PGDCA से जुड़े कई सवालों के जवाब प्राप्त करेंगे जैसे PGDCA कब कर सकते हैं, PGDCA करने के लिए क्या चाहिए, PGDCA की फ़ीस कितनी होती हैं आदि |

अगर आप चाहते हैं कि अपना ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद एवं कहीं पर जॉब करने के पहले कंप्यूटर सीखें तो आपके लिए PGDCA best आप्शन हो सकता हैं| इस कौर्स को करने के बाद आप कहीं पर भी जॉब करने जायेंगे तो कंप्यूटर देख कर या उसपर काम करने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा | आजकल अधिकतर दफ्तरों में कंप्यूटर पर ही कार्य किया जाता हैं तो आपको भी निश्चित ही कंप्यूटर का उपयोग करना पड़ेगा इसलिए अगर आप ग्रेजुएट हैं तो इस कोर्स को जरुर करें |

पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (PGDCA) क्या होता हैं

PGDCA यानि Post graduate diploma in computer application जो एक ऐसा डिप्लोमा होता हैं जिसे ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता हैं| आप कोई भी subject में ग्रेजुएट हो आप PGDCA कर सकते हैं | अगर आप computer field में करियर बनाना चाहते हैं जैसे computer operator, programmer, web developer तो आप इस course को कर सकते हैं |

PGDCA करने के फायदे

वैसे तो कोई भी ज्ञान बेकार नहीं जाता हम जितना सीखते हैं उतना ही कम होता हैं| PGDCA एक ऐसा कौर्स हैं जिसे करने के कई फायदे हैं जो निम्न हैं | पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (PGDCA) क्या होता हैं

Computer की basic से लेकर advance knowledge हो जाती है |
Govt job एवं private job में फ़ायदा मिलता हैं |
MCA या MBA जैसे कौर्स में सीधे प्रवेश के पात्र हो सकते हैं |
कुछ  यूनिवर्सिटी में MCA के 3rd सेमिस्टर में सीधे प्रवेश मिलता है |
PGDCA करने के बाद आप अपना computer center, coaching class,  खोल सकते हैं |

Govt की एजेंसीज जैसे MP online, banking kisyosk, business correspondences,आदि ले सकते हैं |

PGDCA कितने समय का होता हैं ?

इस कौर्स (PGDCA) में कुल 6-6 महीने के २ सेमिस्टर होते हैं इस तरह यह कौर्स 1 वर्ष का हो जाता हैं |

PGDCA कब कर सकते हैं ?

ग्रेजुएशन के बाद आप PGDCA कर सकते हैं |

PGDCA की फ़ीस कितनी होती है ?

इस कौर्स की फ़ीस अलग अलग संस्थानों में अलग अलग हो सकती हैं, PGDCA एक अनुमानित फ़ीस की फ़ीस तक़रीबन 12 हजार से 40 हजार तक हो सकती हैं |

पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (PGDCA) पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (PGDCA) Reviewed by Akash Sharma on August 21, 2018 Rating: 5

डाटा एंट्री ऑपरेटर डाटा एंट्री ऑपरेटर क्या होता है ?

August 21, 2018

डाटा एंट्री ऑपरेटर
डाटा एंट्री ऑपरेटर क्या होता है ?

जैसा कि “डाटा एंट्री” Data entry इस नाम से ही जाहिर होता है कि हमे कोई data की एंट्री करना हैं | अब एंट्री का अर्थ तो आप सभी जानते होंगे और हो सकता है कि डाटा का अर्थ भी जानते हों नहीं जानते तो कोई बात नहीं सबसे पहले हम डाटा शब्द को विस्तृत से समझते हैं |

डाटा क्या है ? What is data entry hindi?

कंप्यूटर की भाषा में हर उस एंट्री को डाटा कहा जाता हैं जिसे हम Input device जैसे कीबोर्ड, माउस, स्कैनर आदि के माध्यम से कंप्यूटर में दर्ज करते हैं | यानि यदि हम कीबोर्ड के द्वारा कुछ टाइप करते हैं तो हमारे द्वारा टाइप किये गए शब्द डाटा कहलाते हैं | इसी तरह कोई Image या video अपलोड करते हैं तो कंप्यूटर के लिए वह भी data ही होता है |

तो आप डाटा क्या हैं यह तो जान चुकें हैं तो जाहिर सी बात है डाटा एंट्री भी समझ ही गए होंगे | अगर साफ़ साफ़ शब्दों में कहें तो किसी भी डाटा को कंप्यूटर में फीड करना ही डाटा एंट्री कहलाता हैं | उदाहरण के लिए किसी बैंक में ग्राहकों के नाम, पते एवं फ़ोन नंबर को कंप्यूटर में फीड करना |

डाटा एंट्री ऑपरेटर बनने के लिए क्या चाहिए

भाषा का ज्ञान : डाटा एंट्री ऑपरेटर बनने के लिए सबसे पहले आपको भाषा पर अच्छी पकड़ होना चाहिए क्योकि कई बार आपको डाटा एंट्री करते वक्त ट्रांसलेट भी करना पड़ता हैं| जैसे पेपर में लिखा होगा “रविन्द्र मार्ग, भोपाल” और उसे आपको कंप्यूटर में “Ravindr Marg, Bhopal” इस तरह टाइप करना होगा, ऐसे में अगर आप स्पेलिंग मिस्टेक करेंगे तो वह आपके डाटा एंट्री करियर के लिए ठीक नहीं होगा| इसलिए सबसे पहले अपनी भाषा पर पकड़ जरुर मजबूत करें |

टाइपिंग स्पीड : भाषा के आलावा एक और महत्वपूर्ण बात ध्यान देने की है वह यह आपकी टाइपिंग स्पीड| अगर आपको लगता हैं कि आपकी टाइपिंग स्पीड ठीक हैं तो आपको एक बार टाइपिंग के नियमों को जरुर पढ़ना चाहिए| आज कल मोबाइल, टेबलेट आदि में QWERT कीबोर्ड होने के कारण हर कोई आसानी से टाइप कर लेता हैं लेकिन मोबाइल पर टाइप करना और कंप्यूटर में टाइप करने में बहुत फर्क होता हैं |

कंप्यूटर का ज्ञान : जाहिर सी बात है कि आपको डाटा एंट्री करने के लिए किसी कंप्यूटर पर ही काम करना होगा, और अगर आप कंप्यूटर पर काम करेंगे तो आपको उसकी अच्छी समझ होना चाहिए | डाटा एंट्री करते वक्त आपको कई सारे शॉर्टकट को ध्यान में रखना होता है जिससे आपका काम आसान हो जाये और आप use समय पर पूरा कर सकें | कंप्यूटर की मुख्य 100 शॉर्टकट की

डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए कौनसा कौर्स करना चाहिए?

वैसे तो डाटा एंट्री के लिए कोई विशेष कौर्स करने की जरुरत नहीं हैं, बस ऊपर बताई शर्तों को यदि आप पूरा करते हैं तो आप डाटा एंट्री ऑपरेटर बन सकते हैं | इसके आलावा आप आईटीआई द्वारा संचालित स्टेनोग्राफर या डाटा एंट्री ऑपरेटर का कौर्स कर सकते हैं जिससे आपके इस फील्ड में जॉब लगने के चांस बहुत बढ़ जाते हैं | आप हमारी इस पोस्ट आईटीआई की जानकारी  एवं आईटीआई के टॉप 20 कौर्स में इन कौर्स के बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं | डाटा एंट्री ऑपरेटर कैसे बनें

ध्यान रखें आप अगर डाटा एंट्री ऑपरेटर बनना चाहें और आप इससे सम्बंधित कोई कोर्स  कर भी ले तब भी अपनी पढाई को बीच में ना छोड़ें कम से कम स्नातक (ग्रेजुएशन) तो पूरा करें | ग्रेजुएशन करने के कई फायदे हैं, क्योकि आजकल अधिकतर रिक्तियों एवं सरकारी भर्तियोके लिए ग्रेजुएशन अनिवार्य कर दिया गया हैं |

ऑनलाइन डेटा एंट्री वर्क क्या हैं ?

डाटा एंट्री का एक पहलु यह भी हैं जैसे आपने कई वेबसाइट पर या अन्य विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाइन डाटा एंट्री के बारे में जरुर पढ़ा या सुना होगा | तो आइये जानते हैं कि क्या हैं ऑनलाइन डाटा एंट्री और कितनी सच्चाई होती हैं इस तरह के विज्ञापनों में |

क्या आपको वाकई लगता है कि पैसा कमाना इतना आसान होता हैं जितना इन विज्ञापनों में दिखाया जाता हैं | आप कुछ मत करिए सिर्फ Google पर “ऑनलाइन डाटा एंट्री वर्क” या “ऑनलाइन इनकम” टाइप कर दीजिये आपको लाखों वेबसाइट दिखाई देगी पर क्या आप जानते हैं इनमे कितनी सच्चाई हैं? नहीं ना| तो दोस्तों अगर आपको लगता है कि इस तरह से आप ऑनलाइन डाटा एंट्री करके पैसे कमा लोगे तो शायद आप गलत हैं | डाटा एंट्री ऑपरेटर कैसे बनें

इस तरह कई कंपनी आपसे पहले पैसे जमा करवा लेती हैं और उसका रिजल्ट कुछ नहीं निकलता हैं | हालाकिं कुछ कंपनी वाकई में आपको ऑनलाइन जॉब या डाटा एंट्री करने की सुविधा देती हैं पर उनकी पहचान करने में अच्छे अच्छे विफल हो जाते हैं |

डाटा एंट्री ऑपरेटर डाटा एंट्री ऑपरेटर क्या होता है ? डाटा एंट्री ऑपरेटर
डाटा एंट्री ऑपरेटर क्या होता है ?
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सीपीसीटी (CPCT) सीपीसीटी (CPCT) क्या है, कैसे करें पूरी जानकारी हिंदी में

August 21, 2018

सीपीसीटी (CPCT)
सीपीसीटी (CPCT) क्या है, कैसे करें पूरी जानकारी हिंदी में

CPCT का पूरा नाम है Computer proficiency certification test यानि कंप्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा जो कि मध्य प्रदेश एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (MAP_IT) द्वारा संचालित की जाती हैं | इस परीक्षा का मूल उद्देश्य हैं  राज्य  शाशन  के विभिन्न विभागों में आवेदन  करने हेतु छात्रों को कंप्यूटर एवं  सूचना प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षित करना एवं उन्हें उपरोक्त प्रक्रियाओं में मांगे  गए प्रमाणपत्रों की आवश्यकताओं को दूर करना हैं | हाल ही में निकली पटवारी चयन परीक्षा में CPCT माँगा गया हैं | जिन्होंने CPCT पास नहीं की है उन्हें नियुक्ति के 2 वर्ष में इसे उत्तीर्ण करना होगा |

कुछ समय पूर्व DPIP द्वारा ली जाने वाली हिंदी एवं इंग्लिश टाइपिंग की परीक्षा का ही विकसित रूप आप इसे मान सकते हैं | DPIP द्वारा छात्रों को टाइपराइटर पर परीक्षा देने के बाद दक्षता प्रमाण पत्र मिलता था | समय के साथ साथ टाइपराइटर का उपयोग लगभग ना के बराबर होने के कारण अब मध्यप्रदेश शाशन द्वारा CPCT को प्रारंभ किया हैं | इसमें हिन्दी एवं इंग्लिश टाइपिंग के साथ साथ कंप्यूटर का भी पेपर होता है |

सीपीसीटी (CPCT) करने से क्या होगा

यदि आप CPCT exam पास कर लेते हैं तो आप मध्यप्रदेश राज्य की परीक्षाओं में बैठ सकते हैं* बशर्ते आपने अन्य शैक्षणिक योग्यता पूर्ण की हो | आप CPCT द्वारा जारी प्रमाणपत्र को विज्ञप्ति में मांगे गए कंप्यूटर प्रमाणपत्र के रूप में लगा सकते है |

डाटा एन्‍ट्री ऑपरेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर, सहायक ग्रेड-3, स्‍टेनो/शीघ्रलेखक, हिन्दी टाइपिस्ट, इंग्लिश टाइपिस्ट जैसे पदों के लिए आप आवेदन कर सकते हैं |

सीपीसीटी परीक्षा प्रारूप

CPCT परीक्षा मुख्यतः 2 भागों में होती हैं जिनमे पहला कंप्यूटर/अंक गणित/सामान्य ज्ञान का पेपर होता है जो 75 मिनट का होता है | इसमें बहुविकल्पी प्रश्न पूछे जाते हैं जो कंप्यूटर, सामान्य ज्ञान, अंक गणित से जुड़े होते हैं |

दुसरे भाग में हिन्दी एवं अंग्रेजी टाइपिंग का टेस्ट होता है | हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों टाइपिंग टेस्ट के लिए आपको 15-15 मिनट का समय मिलता हैं |

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कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग क्या है?

August 21, 2018

कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग
हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग क्या है?

पिछले कई वर्षों में आपने देखा होगा कि हर काम कंप्यूटर द्वारा किया जाने लगा हैं.| ऐसे में हर विभाग में कंप्यूटर की आवश्यकता बढ़ी हैं साथ ही साथ एक से अधिक कंप्यूटर को आपस में जोड़ने का काम भी बड़ा हैं.| अब जाहिर सी बाद हैं जहाँ ज्यादा उपयोग होगा कंप्यूटर एवं उसके उपकरण का तो वे ख़राब भी होंगे | बस उन्हीं को रिपेयर करना एवं कुछ कंप्यूटर को आपस में जोड़ना ही कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग हैं.|

यहाँ एक बात और ध्यान देने वाली हैं कि सिर्फ कंप्यूटर को रिपेयर करना ही हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग नहीं कहलाता हैं.| कंप्यूटर असेम्बल करना, कंप्यूटर के कोई पार्ट बदलना या नए पार्ट्स लगाना आदि कार्य कंप्यूटर हार्डवेयर में आते हैं.|

कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग कौर्स

इस क्षेत्र में छात्रों का रुझाव एवं समय की मांग के कारण कई सारे डिप्लोमा एवं डिग्री कौर्स उपलब्ध हैं | आप भले ही दसवीं पास हों या ग्रेजुएट हर किसी छात्र के लिए कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग के कई सारे डिग्री एवं डिप्लोमा कौर्स उपलब्ध हैं | कौर्स उपलब्ध हैं जो निन्म हैं |

हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग में डिग्री या डिप्लोमा क्या करें ?

इस क्षेत्र में ज्यादातर डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेशन कोर्स ही होते हैं जैसे diploma in hardware and networking, advance diploma in hardware and networking, PG diploma. आदि हालाँकि कुछ यूनिवर्सिटी में बैचलर डिग्री भी कराई जाती हैं जैसे BCA या BSC. तो यदि आप अपना ग्रेजुएशन कर चुके हैं तो भी ये कौर्स कर सकते हैं और 12th. पास हैं तो भी |

कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग करने के बाद जॉब/नौकरी

जैसा की मैंने पोस्ट के प्रारंभ में ही बताया था की इस क्षेत्र में बहुत मांग हैं तो आपको आसानी से जॉब मिल सकती हैं. | प्रारंभ में इस क्षेत्र में आपको 15-20 हजार के करीब वेतन मिलेगा और वो समय के साथ काफी बढ़ भी जायेगा. | इसके आलावा यदि आपका चयन किसी बड़ी कंपनी जैसे माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, टीसीएस, विप्रो में हो जाता हैं तो आपको प्रारंभ से ही अच्छा पैकेज मिल सकता हैं. |

ऊपर बताये कुछ कौर्स में जॉब की गारंटी भी होती हैं, अतः आप किसी भी कौर्स में प्रवेश लेने से पूर्व पूरी तरह से कौर्स को समझ लें एव सभी नियम शर्तों को अवश्य पढ़ लें |

कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग क्या है? कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग
हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग क्या है?
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बी.सी.ए BCA Kya Hai, BCA

August 21, 2018

बी.सी.ए
BCA Kya Hai, BCA याने Bachelor of Computer application ये 3 Years का Graduation Course है. BCA के बाद हम MCA, MBA या फिर Job भी कर सकते है.

अगर आपने हाल ही में 12th Exam पास की है, चाहे वो किसी भी स्ट्रीम से हो Science, commerce or Arts आपके लिए बी.सी.ए. कोर्स एक अच्छा आप्शन है.

जिन लोगो को कंप्यूटर, इन्टरनेट में इंटरेस्ट है, उनके लिए तो ए बहुत ही अच्छा आप्शन है. तो आज हम इसके बारे में बात करेंगे की BCA क्या है? इसके लिए क्या क्राइटेरिया होना चाहिए.

BCA Kya Hai:

ऊपर बताया की ये 3 इयर्स का ग्रेजुएशन कोर्स है. सभी university में ये कोर्स available है.  बी.सी.ए  खास तौर पर उन लोगो के लिए डिजाईन किया गया है जो लोगो कंप्यूटर फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते है. बी.सी.ए  करके आप software developer, web-designer, या फिर Multinational Company में जॉब भी कर सकते है.

Bca के लिए क्या Qualification, Criteria होना जरुरी है:

बहुत सी यूनिवर्सिटी में क्राइटेरिया सेम ही है. अगर आप bca करना चाहते है तो उसके लिए किसी भी स्ट्रीम से 12th pass होना जरुरी है.

लेकिन कई यूनिवर्सिटी में जिन लोगो का 12 में math सब्जेक्ट था उनको ही एडमिशन मिलेगा. लेकिन एसा बहुत कम यूनिवर्सिटी में देखने को मिलेगा.

हर कॉलेज, यूनिवर्सिटी में इसकी फीस अलग अलग होती है. आम तौर पर 15000-30000 के बिच में इसकी फीस हो सकती है.

Bca Course Subject – कोर्स सब्जेक्ट:

याद रखे की Bca जो होता है उसका syllabus english भाषा में होता है. BCA का टोटल syllabus कंप्यूटर से जुड़े सब्जेक्ट पर ही होता है. हाला की सभी यूनिवर्सिटी में ये सिलेबस सेम नहीं होता है, इसमें थोड़ा बहुत चेंज होता है.

इसमें 3 साल में 6 सेमिस्टर होते है.

Computer Basic/ Introduction:

फर्स्ट सेमिस्टर में हमे कंप्यूटर का बेसिक नॉलेज दिया जाता है. इसका अच्छे से इंट्रोडक्शन दिया जाता है. Ms-office, basic internet etc.

Programming Language:

C, C++, java, vb.net, and PHP जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हमे सिखाने को मिलती है. theory के साथ साथ सीमे प्रैक्टिकल भी होता है.

Database:

Ms-Access, SQL and Oracle जैसे डेटाबेस भी हमे इसमें सिखाने को मिलते है.

Web design, development:

वेब डिजाइनिंग में आप अपना करियर बनाने के बारे में सोच रहे है तो ये सुजेक्ट खास आपके लिए है. HTML, CSS, PHP, ASP.net, JavaScript and XML etc.

Mini Project:

Last Semester में हमे एक मिनी प्रोजेक्ट बनाकर सबमिट करना होता है.

Bca Karne Ke Fayde – फ्यूचर स्कोप:

Bca करने के बाद हम क्या कर सकते है.

अगर आप आगे पढना चाहते है तो प्रोफेशनल कोर्से कर सकते है.

MCA – Master of Computer Application

MBA – Master of business Administration

Competitive exam: Banking, UPSC, MPSC

Own Business:

अपना खुद का बिज़नस भी शुरू कर सकते है. जैसे इन्टरनेट केफे, कंप्यूटर रेपैररिंग शूप, अपना खुद की Software Company ये सब कर सकते है.

Bca Ke Bad Job- बी.सी.ए. के बाद जॉब:

bca के बाद अगर आप जॉब करना चाहते है तो कर सकते है.  कॉलेज में एडमिशन लेते समय अच्छा कॉलेज सेलेक्ट करे जहा पर Campus Interview Conduct किए जाते हो.

इसका फायदा ये होगा की हम बाहर जॉब सर्च करने के जरुरत नहीं पड़ेगी.

लेकिन अगर आपने किसी एसे कॉलेज में एडमिशन लिया है. जहा Campus Interview नहीं है तो भी घबराने की कोई बात नहीं. हम जॉब सर्च कर के जॉब पा सकते है.

हम Multinational IT company TCS, Wipro, Tech Mahindra, Infosys में जॉब के लिए try कर सकते है.

अगर आपको किसी भी मल्टीनेशनल आईटी कंपनी में जॉब लगता है. तो month के 25-30 K (हजार) रूपए की सैलरी मिल सकती है, या फिर उससे ज्यादा भी.

अगर आपको जॉब नहीं मिल रही आपके पास टैलेंट है. तो आप अपनी खुद की सॉफ्टवेर सलूशन की कंपनी बना सकते है. अपने जैसे 4-5 लोगो की टीम बनाकर website design, develop कर सकते है.

BCA Ke Liye Accha, Best College Kaise Milega:

BCA करने का मन बना लिया है तो अब आपको एक अच्छा कॉलेज सेलेक्ट करना होगा. तो कॉलेज कैसे सेलेक्ट करे.

गूगल ओपन करे और उसमे सर्च करे.

Top BCA Collages in Mumbai,

Top BCA Colleges in Hyderabad.

आप अपनी सिटी का नाम डालकर सर्च करे. अब जो रिजल्ट मिलेगा उस वेबसाइट पर जाकर कॉलेज का Review चेक करे. इस प्रकार हम एक अच्छा कॉलेज चुन सकते है.

बी.सी.ए BCA Kya Hai, BCA बी.सी.ए
BCA Kya Hai, BCA Reviewed by Akash Sharma on August 21, 2018 Rating: 5
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